लेखनी कहानी -06-Sep-2022... रिश्तों की बदलतीं तस्वीर..(18)
विनी ने कमरे में घुसते ही बोला :- यार तेरे पापा के फोन पर फोन आ रहें हैं..। मुझे लगता हैं कुछ जरूरी बात हैं... तु एक बार बात कर ले...।
पापा का फोन.... तुने रिसिव नहीं किया...!
नहीं यार.... मुझे डर लग रहा था.. तु बात कर ले..। तभी रवि वाशरूम से आते हुवे :- क्या बात हैं... किससे बात करनी हैं... सब ठीक तो हैं ना...।
विनी ने सलोनी को इशारे से चुप रहने को कहा और खुद बोलीं :- हां हां सब ठीक हैं... हमें बहुत देर हो गई हैं... अब जाना होगा...।
हां... ठीक हैं चलो मैं तुम दोनों को छोड़ आता हूँ..।
नहीं नहीं.... रवि... किसी ने हमें साथ देख लिया तो प्रोब्लेम हो जाएगी... हम चले जाएंगे...।
लेकिन यहाँ तुम्हें कौन पहचानेगा..!
पहचानने वाला तो कही से भी आ सकता हैं... बेवजह रिस्क क्यूँ लेना.. और वैसे भी हम बाहर निकलते ही सीधी रिक्शा कर लेंगे..।
ठीक है... जैसा तुम्हें सही लगे... लेकिन परी पहुंचते ही मुझे मैसेज जरूर कर देना..।
हां... पक्का.... अभी हम चले..।
मन तो नहीं कर रहा... लेकिन मेरे रोकने पर तुम रुकोगी भी नहीं...। एक बार सगाई हो जाने दो.. फिर तुम्हारे पेरेंट्स से इजाजत लेकर बाकयदा उनके सामने हाथ पकड़ कर लेकर जाऊंगा..।
विनी :- हैलो मिस्टर रोमियो... अभी हमें देर हो रहीं हैं... इसलिए... गुड बाय...
विनी सलोनी का हाथ पकड़कर वहाँ से उसे बाहर लेकर आई... तुरंत ही उन्होंने एक रिक्शा भी पकड़ ली..। रिक्शा में बैठते ही उसने फोन सलोनी को देते हुवे कहा :- ले पहले फोन पर बात कर ले..।
सलोनी ने फोन लगाया :- हैलो पापा...
हैलो बेटा... तु कहाँ पर हैं अभी परी...।
पापा हम बस घर ही आ रहें हैं...। सब ठीक तो हैं ना... आपने इतने सारे फोन किए थे..।
हां हां.. सब ठीक हैं... ऐसी कोई टेंशन वाली बात नहीं हैं.. अब तु चर आ फिर बात करते हैं...।
लेकिन पापा... इतने कॉल... सच बताइये... सब कुछ ठीक हैं ना...!
तुझे अपने पापा पर भरोसा नहीं हैं क्या बेटा... मैने कहा ना बेटा... सब ठीक हैं... फोन पर तेरी आवाज ठीक से नहीं आ रहीं हैं... इसलिए तु घर आ फिर बात करते हैं...।
ठीक हैं पापा...। बाय...।
विनी अंजान बनते हुवे :- क्या बात हैं... सब ठीक हैं..!
पता नहीं यार.. फोन पर तो कुछ बताया नहीं... कहा की घर आ फिर बात करते हैं...। पापा इस तरह तो कभी मुझे फोन करते नहीं है... वो भी आठ बार... कुछ बात तो जरूर हैं...। पता नहीं क्या बात हैं..।
चल छोड़ ना यार... जो होगा घर चलकर पता कर लेंगे... फिलहाल तो तु ये बता.. तेरी डेट कैसी गई....।
डेट का नाम सुनते ही सलोनी... अपने और रवि के बीच हुवे उन अहसासों में फिर से खो गई...।
वो कुछ पल ऐसे ही खामोश रहीं तो विनी ने उसे झंझोड़ते हुवे कहा :- अरे बोल.... कहा खो गई.....!
कुछ... कुछ.... कहीं नहीं... बस... वो....
हम्म... समझ गई.... सब समझ गई.... तु कुछ नहीं भी बोलेगी तो भी तेरा ये खिला खिला चेहरा सब कुछ बयां कर रहा हैं..।
विनी... तु तो कुछ भी सोचती हैं और कुछ भी बोलतीं हैं...। ऐसा कुछ भी नहीं हैं... समझी... ज्यादा अपनी अक्ल मत चला...।
दोनों सहेलियाँ एक दूसरे के साथ मस्ती मजाक करते हुवे आखिर कार घर पहुंची...।
घर पहुँच कर सलोनी का सामना जिससे होने वाला था क्या उसके लिए वो तैयार थीं... ??
कैसा बर्ताव करेगी सलोनी...?
जानते हैं अगले भाग में...!
Barsha🖤👑
24-Sep-2022 09:48 PM
Beautiful story
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Seema Priyadarshini sahay
24-Sep-2022 06:32 PM
बहुत ही रोचकता भरी रचना
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Simran Bhagat
24-Sep-2022 11:43 AM
Nice 👌👌
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